Saturday 12 May 2012

एक व्यक्ति की लॉकी का जूस पीने से मौत हो गई

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कभी हरी सब्जियों को मानव जीवन के लिए स्वास्थ्य संजीवनी माना जाता था लेकिन अब वो ही प्राणघातक बन गई है। पिछले महीनों आए एक केस में दिल्ली निवासी एक व्यक्ति की लॉकी का जूस पीने से मौत हो गई। जी हां वही लॉकी जो अभी तक सुपाच्य ,सेहतमंद और कई बीमारियों की रामबाण औषधि समझी जाती थी, वही अब जानलेवा साबित हो रही है। सब्जियों को चमकदार और ज्यादा हरा दिखाने  के लिए केमिकल में डुबाया जाता है। केले और पपीते को केमिकल में डुबाकर ही पकाया जाता है जो ज़हर बनकर सीधे शरीर में प्रवेश कर जाता है। तालाब और डबरो में सिंघाडो की खेती के लिए भी खतरनाक केमिकल और दवाईयां पानी में डाली जाती हैं. सब्जियों को ज्यादा चमकदार और हरी दिखाने के लिए रासायनिक रंगों का प्रयोग भी धडल्ले से किया जा रहा है। भिन्डी, करेला, परवल, मटर आदि सब्ज़ियां रंगों और केमिकल के प्रयोग के बिना इतने चमकदार नहीं दिख सकते।
पशु पालन और दुग्ध डेयरी में गाय,भैसों आदि को पालने वाले ज्यादा लाभ कमाने के चक्कर में ऑक्सीटोसिन का इंजेक्शन लगाकर दूध दुह रहे है, जिससे कि ज्यादा दूध निकले। इस इंजेक्शन से न केवल दूध के ज़रूरी पोषक तत्व नष्ट हो रहे हैं दूध ज़हरीला भी हो रहा है। इस दूध को पीने से सेहत पर बुरा असर पड़ता है। वहीं सब्ज़ियों में भी किसान अधिक मुनाफा कमाने के चक्कर में ऑक्सीटोसिन का इंजेक्शन लगा के समय से पहले ही फसल काट लेते हैं।
इन सभी खतरनाक और ज़हरीले रसायनों के सब्जी,फलों और दूध पर इस्तेमाल पर सरकारी कार्रवाई के इंतज़ार ना करके हमें ही अपनी सेहत का ख्याल रखते हुए कुछ ज़रूरी कदम उठाने होंगे। कोशिश करें की अपने गाँव या आसपास के इलाकों से ही सब्जियां खरीदें । फलों या सब्जी की खूबसूरती पर अधिक ध्यान ना देकर उनकी मूल बनावट और रंग को तरजीह दें। एक बड़ी खूबसूरत लौकी या तरबूज के मुकाबले पतली लौकी और छोटा या आम तौर पर पुराने अंदाज़ वाला तरबूज़ बेहतर हैं.

1 comment:

  1. कमाल है! सुनते हैं इसके पीने से हृदय के रोग दूर होते हैं।

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